न्यू दिल्ली- अरविंद केजरीवाल-ईडी गाथा के नवीनतम अध्याय में, भाजपा की बांसुरी स्वराज ने आरोप लगाया कि दिल्ली के सीएम का लक्ष्य अपनी संभावित गिरफ्तारी को एक नाटकीय तमाशा में बदलना है।
केजरीवाल ने तीसरी बार ईडी के समन को ठुकराया
प्रवर्तन निदेशालय के लगातार समन के बावजूद, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 3 जनवरी को पूछताछ के लिए उपस्थित होने से इनकार कर दिया, जो दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति 2021-22 में कथित अनियमितताओं से संबंधित चल रहे मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तीसरा उदाहरण है।
केजरीवाल ने "झूठे समन" की निंदा की और ईडी की मंशा पर सवाल उठाए
केजरीवाल का तर्क है कि प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें कथित शराब नीति घोटाले से जोड़ते हुए "झूठा समन" भेजा था। मुख्यमंत्री ने सहयोग करने की इच्छा व्यक्त करते हुए एजेंसी के अंतर्निहित इरादों पर चिंता जताते हुए ईडी के नोटिस को अवैध माना है.
उत्पाद शुल्क नीति से जुड़े मामले में ईडी की लगातार तलाश
ईडी ने शुरुआत में केजरीवाल को 3 जनवरी को पूछताछ के लिए बुलाया था, यह इस तरह का तीसरा समन है। मुख्यमंत्री ने पहले 2 नवंबर और 21 दिसंबर को अनुपालन करने से इनकार कर दिया था। यह मामला वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति में अनियमितताओं से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग के इर्द-गिर्द घूमता है।
ऐतिहासिक सन्दर्भ: आबकारी नीति विवाद में गिरफ़्तारियाँ
यह घटनाक्रम फरवरी 2023 में दिल्ली के तत्कालीन उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी के बाद हुआ है, जिसमें उन्हें दिल्ली की अब खारिज कर दी गई उत्पाद शुल्क नीति के निर्माण और कार्यान्वयन से जुड़ी कथित अनियमितताओं में फंसाया गया है। इस नीति को आलोचना और बेईमानी के आरोपों का सामना करना पड़ा, जिसके कारण अंततः इसे वापस लेना पड़ा। आप के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह को भी इसी मामले में अक्टूबर 2023 में गिरफ्तारी का सामना करना पड़ा था।
ईडी ने आप के वित्त की जांच के लिए अदालत से अनुमति मांगी
एजेंसी द्वारा पहले ही कम से कम 14 व्यक्तियों को गिरफ्तार किए जाने के बाद, प्रवर्तन निदेशालय अब आम आदमी पार्टी (आप) की उत्पाद शुल्क नीति घोटाले से जुड़ी "अपराध की आय" के संभावित लाभार्थी के रूप में जांच करने के लिए अदालत की मंजूरी मांग रहा है। सामने आ रही घटनाएँ दिल्ली के राजनीतिक परिदृश्य को लेकर चल रहे विवाद में परतें जोड़ती जा रही हैं।